समय भागता है प्रति क्षण में
नव अतीत के तुषार कण में
हमें लगाकर भविष्य राण में
आप कहाँ छिप जाता है
समय भागता जाता है
प्रतिभाएं ना जाने कितनी समय के गर्त में क्षमता के दर्प में दब कर रह गयी
खुद पर विश्वास तो था पर प्रयास सही समय पर न हो सकने के कारण मौका चूक गया और अवसर छूट गया
कहानी ये आज के युग में कई की है
समस्या इसे मानते है , समाधान के लिए इधर उधर भागते है
जरूरत है इसी पल से पल-पल को पकड़ने की , कुछ न कुछ कर के बेहतर बनाने की
समय सभी के पास बराबर है
कोई उन्ही पलों में बेहतर बन जाता है और कोई समय नहीं है का रोना रोते रह जाता है
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