दूसरो पर निर्भरता जितनी ज्यादा होगी आत्मनिर्भर होकर कार्य करने में उतनी ही कठिनाई होगी
समाज की अधिकतम समस्याओं की जड़ यही है
जिस पल युवा किसी का कृपापात्र बन गया उसी पल उसके क्षमता योग्यता का स्तर चाह कर भी गिर गया समाझ लो
सूर्य की तरह अपने खून पसीने से अपना भाग्य लिखने वाले ही परिवर्तन लायेंगे
"वही दिखाते सच्ची राह , जिन्हें न पद पैसे की चाह "
समाज की अधिकतम समस्याओं की जड़ यही है
जिस पल युवा किसी का कृपापात्र बन गया उसी पल उसके क्षमता योग्यता का स्तर चाह कर भी गिर गया समाझ लो
सूर्य की तरह अपने खून पसीने से अपना भाग्य लिखने वाले ही परिवर्तन लायेंगे
"वही दिखाते सच्ची राह , जिन्हें न पद पैसे की चाह "
